अक्षय तृतीया, अ+क्षय यानी कभी क्षय ना होने वाला, खत्म ना होने वाला। तृतीया मतलब तीन, वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है। इस दिन मूहूर्त भी नहीं देखे जाते, इस तिथि में पूरा समय शुभ मुहूर्त माना जाता है। अक्षय तृतीया से जुड़ी पौराणिक कथा- प्राचीन […]
Read Moreकुंडली में चंद्रमा 6-8, 9-5 या 2-12 का संयोजन कर रहा हो, तब भकूट दोष बनता है। अगर वर की चंद्र राशि मेष है, और महिला का कन्या है, तब 6-8 का भकूट दोष बनता है, क्योंकि महिला की चंद्र राशि पुरूष की चंद्र राशि से षष्टम और पुरूष की चंद्र राशि महिला की चंद्र […]
Read Moreकुंडली का मिलान आठ तरह से होता है। वर्ण वत्स्य तारा योनि ग्रह मैत्री गण राशि नाड़ी इसके साथ कुंडली के जरिए ग्रहों का दोष भी देखा जाता है, यथा मांगलिक आदि, कुंडली मे संतान सुख आदि का विचार भी इसी से किया जाता है दांपत्य जीवन, स्वास्थ्य, मानसिकता और भाग्य के सहयोग आदि कितना […]
Read Moreपौराणिक कथा के अनुसार चन्द्र का विवाह प्रजापति दक्ष की 27 कन्याओं के साथ संपन्न हुआ। परन्तु चन्द्र सबसे अधिक प्रेम रोहिणी से करते थे। इसकी शिकायत बाकी पत्नियों ने दक्ष से कर दी। दक्ष पिता थे वे अपनी कन्या को दुखी न देख सके इस कारण दक्ष ने क्रोध में आकर चन्द्रमा को क्षय […]
Read Moreप्रियंका पाल आज हम ज्योतिष शास्त्र में सबसे चर्चित, विवादास्पद योग की चर्चा करते हैं, कुंडली में काल सर्प दोष का निर्माण राहु एवं केतु की स्थिति पर निर्भर करता है। हालांकि कई ज्योतिषाचार्य काल सर्प योग को नहीं मानते हैं। आइए समझते हैं कि कालसर्प दोष क्या होता है और इसके निवारण का क्या […]
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